“तुम दोनों चलो अब उठ जाओ। हम नाश्ता करने के लिए नीचे रेस्तरां जा रहे हैं।" मिस्टर शर्मा ने कहा। आशी मुड़ी, लेकिन उसने देखा कि आशी को जितना एहसास हुआ, कबीर उसे कहीं ज्यादा करीब था। "क्या आप उस तरफ वापस जा सकते हैं"? आशी ने चिढ़कर पूछा।"हेए गुड मॉर्निंग। मैं कह सकता हूं कि तुम सुबह के इंसान नहीं हैं।" कबीर ने व्यंग्य से कहा।"जो भी हो, प्लीज प्लीज आगे बढ़ें।" आशी बोली।कबीर वापस उसकी तरफ चला गया, क्योंकि आशी अपने शरीर को बिल्ली की तरह फैलाते हुए उसकी पीठ के बल लेट गई। फिर आशी उठी और