एक लव लैटर, जो धड़कन बढ़ा देसुनो न मेरी ओरिजनल पत्नी,कितने दिनों से नाराज हो तुम... अभी जाने कब तक रहने का इरादा है तुम्हारा,ये तुमको ही पता होगा लेकिन हमसे अब यह नाराजगी सहन नहीं होती। कब तक हम खुद ही खाना बनाए दोनो टाइम और तुमको भी खिलाएं ऊपर से तुम्हारे ताने भी सुनें कि दाल कच्ची है, रोटी जली है, नमक तेज है मीठा कम है... अरे कुछ तो है न पर नहीं... फिर रसोई गंदी देखकर अलग भाषण चालू हो जाता है तुम्हारा! अच्छा – अच्छा याद आ गया हमको तुमको मनाने के लिए लेटरवा लिख