" चलो बेटा ! बारात का समय हो गया है " जगदीशचंद्र ने हरदेव के पास आते हुए कहा.." हा चलिए पापा ..." हरदेव जाके अपनी घोड़ी पर चढ़ गया..." चलिए ... बजाइए....." जगदीशचंद्र ने कहा और बैंड वालो ने बजाना शुरू किया...सभी लोग जूम जूम कर नाच रहे थे.. जगदीशचंद्र भी खुल कर नाच रहे थे.. उनके बेटे कि जो शादी थी..." बारात यहां से निकल चुकी है " कबीर ने फोन मे कहा.." ठीक है कबीर .. तुम हरदेव पर नजर रखना और उसके पीछे ही रहना ... " अनिरूद्ध ने कहा और फोन काट दिया..." बारात निकल