अग्निजा - 16

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प्रकरण 16 यशोदा पहले महीने में नहीं आई, दूसरे महीने में भी नहीं आई, तीसरे में भी नहीं। चौथा चल रहा था और सबकी बेचैनी बढ़ती चली जा रही थी। लखीमां का कलेजा इस डर से कांप रहा था कि यशोदा ऐसे कौन-से संकट में फंस गई कि चार महीनों से मायके ही नहीं आई। प्रभुदास बापू का जप बढ़ गया था। लेकिन चिंता न करते हुए सिर्फ एक ही बात कहते थे, “मेरा भोलेनाथ जो करेगा वही सही।” लेकिन दिन ब दिन केतकी मुरझाती जा रही थी ये बात सभी के ध्यान में आ रही थी। उसका खेलना, मौज-मस्ती,