कविता शिर्षक:"ज्योति कलश छलके" ज्योति कलश छलके - ४हुए गुलाबी, लाल सुनहरेरंग दल बादल केज्योति कलश छलके घर आंगन वन उपवन उपवनकरती ज्योति अमृत के सींचनमंगल घट ढल के - २ज्योति कलश छलके पात पात बिरवा हरियालाधरती का मुख हुआ उजालासच सपने कल के - २ज्योति कलश छलके ऊषा ने आँचल फैलायाफैली सुख की शीतल छायानीचे आँचल के - २ज्योति कलश छलके ज्योति यशोदा धरती मैय्यानील गगन गोपाल कन्हैय्याश्यामल छवि झलके - २ज्योति कलश छलकेअम्बर कुमकुम कण बरसायेफूल पँखुडियों पर मुस्कायेबिन्दु तुहिन जल के - २ज्योति कलश छलके कलश छलके चित्रपट : भाभी की चूडीयाँसंगीतकार सुधीर फडकेगीतकार : पं. नरेंद्र