सपने - (भाग-10)

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सपने......(भाग -9)आस्था अपने हॉस्टल पहुँच कर भी पूरे दिन के बारे में सोच रही थी, कितनी जल्दी बीत गया पता ही नहीं चला.....उसने फ्रेश हो कर पहले घर पर बात की उसके बाद स्नेहा को फोन किया। आस्था का रोज का नियम था दिन में एक बार घर और स्नेहा से बात जरूर कर लेती थी.....! स्नेहा से पूरे दिन की बातें करके उसकी सारी थकान उतर गयी। आस्था खुश हो रही थी कि एक ही दिन में दो नए दोस्त बन गए.....श्रीकांत काफी सिंपल सा लड़का लगा और आदित्य की ब्रैंडेड कपड़े, जूते और मंहगा फोन और लंबी कार