सपने - (भाग-7)

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सपने......(भाग-7)इलाहाबाद से "प्रयागराज ट्रेन" सबसे बढिया है दिल्ली के लिए......ट्रैन में बैठते ही आस्था के मन के घोड़े अपनी पूरी स्पीड के साथ इधर उधर भागने लगे....माँजी मैं यहाँ बैठ जाऊँ कुछ देर? मेरी सीट ऊपर है, मैं अभी अपनी जगह चला जाऊँगा....एक लड़के की आवाज ने आस्था को सपनो से निकाल दिया। एक 23-24 साल का पतला दुबला और सावंला सा लड़का, जिसका मुँह आस्था को दशहरी आम जैसा लगा वो अपना बैग संभाले अनिता जी के जवाब का इंतजार कर रहा था....."हाँ बेटा बैठ जाओ"....निखिल ऊपर लेटा हुआ था। आस्था और अनिता जी दोनो की सीट नीचे थी....वो