सपने - (भाग-4)

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सपने......(भाग-4)विजय जी की नयी खोज शेखर त्रिवेदी वैसे तो लखनऊ में जॉब करते हैं और वहीं के रहने वाले हैं, पर यहाँ उनके चाचा जी रहते हैं, वो विजय जी के दोस्त हैं। रमेश जी को जब विजय जी ने अपनी चिंता बतायी तो उन्होंने झटपट अपने भतीजे का रिश्ता प्लेट में परोस दिया। विजय जी के कहने पर रमेश जी ने अपने भतीजे को एक दिन अपने पास बुलाया और उनसे मिलवा दिया। विजय जी को उसके बात करने का ढंग भा गया........लड़के की दोनों बहनों की शादी हो गयी थी। पिता उसके डॉक्टर हैं और माताजी कॉलेज में