अपनी अपनी सोच

  • 5.3k
  • 1.5k

नोटबंदी के दौरान लिखी गई मेरी एक रचना ***********************************रामू एक दिहाड़ी मजदूर था। सरकार के नोट बंदी के फैसले से खासा उत्साहित हमेशा की तरह नुक्कड़ पर खड़ा था। इसी नुक्कड़ से उन्हें रोजगार मिलता था। नोटबंदी सरकार का एक ऐतिहासिक फैसला है। लोगों को थोड़ी असुविधा जरुर होगी लेकिन काला धन और काला बाजारी से देश को हमेशा के लिए निज़ात मिल जाएगी उसका यही मानना था। अपने इसी सोच के साथ कि सरकार के विकास से ही आम आदमी का विकास भी सम्भव है वह सरकार के इस फैसले के साथ था।दोपहर का वक्त हो चला था। नुक्कड़