स्वप्न शास्त्र - भव्य मंदिर के दर्शन

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स्वप्न शास्त्र - भव्य मंदिर के दर्शन आज मौसम का मिजाज काफ़ी बेहतरीन रहा ,कितने दिनों बाद आज इंद्र देव के कमान से बादलों ने ज़मीं को तर कर दिया अक्रांत बोला"..!! उसकी हां में हां मिलाते हुए विक्रम ने भी कहा..' और दिल को भी तर कर दिया ' ...! हा.... हा...... हा...... हा.......दोनो ठहाके मारकर हंसने लगे -"तेरा घर आ गया अक्रांत ने कहा ... '' !विक्रम ऑटो से उतरा ,घर पहुंचकर खाना खाया और किसी से बिना बात किए डिनर टेबल से उठ खड़ा हुआ, सबकी निगाहें विक्रम की तरफ थी , ऐसा लग रहा था विक्रम