45 - का अंत कासी और एमेलिन के भाग जाने के बाद लेग्री के दास-दासियों में भूतों की चर्चा ने बड़ा जोर पकड़ा। हर घड़ी उन्हीं की चर्चा होने लगी। रात को बंद किए हुए दरवाजे खुले मिलते, रात को किसी के दरवाजा खटखटाने की-सी आवाज आती, इससे सबने यही नतीजा निकाला कि यह सारी कार्रवाई भूतों के सिवा और किसी की नहीं है। दासों में से कोई-कोई कहता - "भूतों के पास सब दरवाजों की तालियाँ जरूर हैं। बिना ताली के वे दरवाजा कैसे खोल सकते हैं? दूसरे उसका खंडन करते - "यह कोई बात नहीं, भूत बिना ताली