ममता की परीक्षा - 50

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परबतिया की धीमी आवाज के बावजूद साधना को किसी हलचल का अहसास हो गया था और उसके जिस्म में हलकी सी हरकत हुई। उसने धीमे से अपनी आँखें खोल दीं। सामने ही गोपाल खड़ा था , हैरान परेशान साधना की चिंता में डूबा हुआ गम से बेजार ! उस पर नजर पड़ते ही साधना के होठों पर बेहद मासूम सी मुस्कराहट तैर गई और फिर अगले ही पल उसके गोरे गोरे गाल शर्म और हया की लाली समेटे लाल सुर्ख हो गए। उसकी मुस्कान और गहरी हो गई और उसने हलकी सी हँसी के साथ अपने दोनों हाथों में अपना