अग्निजा - 12

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प्रकरण 12 कानजी चाचा ने चिमटी में नस दबाकर नाक में भर ली और उन्हें एक के पीछे एक कई छींकें आने लगीं। उन्होंने अपनी जेब से तुड़ा-मुड़ा रुमाल निकालकर नाक पोंछी। उनकी उम्र और उनका आज तक के हासिल अनुभव में उनके लिए ये बातें नयी नहीं थीं। येनकेन प्रकारेण जोड़ियां बना देनेकी उनकी आदत के कारण इस तरह के प्रसंग उनके सामने अनेक बार आते ही थे। कई लोगों का जीवन उनके कारण बरबाद हुआ। तीन-चार मामलों में तो उनके ऊपर आरोप लगने से पहले ही दुर्भाग्य से उन लोगों ने अपनी ईहलीला ही समाप्त कर ली थी।