एक दिन कुमुदिनी ने तिलक से कहा, "तिलक भैया आप क्यों मेरी मम्मी को यह बात नहीं बता देते। बता दो ना? मेरे पापा, मम्मी से बहुत डरते हैं। यदि माँ के सामने वह स्वीकार कर लेंगे तो शायद फिर वह समाज के सामने भी . . ." "नहीं कुमुदिनी मैं नहीं चाहता कि जिस दर्द को मेरी माँ ने वर्षों तक झेला है, उसका एक छींटा भी रुकमणी आंटी के ऊपर पड़े। इस सब में उनकी क्या ग़लती है। वह तो पिक्चर में थीं ही नहीं। हो सकता है उन्हें वह सब मालूम होता तो शायद वह यह शादी