उजाले की ओर –संस्मरण

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मित्रों  सस्नेह नमस्कार 'उजाले की ओर' में आज किसी के द्वारा सुनाई गई एक कहानी प्रस्तुत कर रही हूँ | आशा है ,आप लोग पसंद करेंगे | एक बार जब अकबर ने एक ब्राह्मण को दयनीय हालत में भिक्षाटन करते देखा तो बीरबल की ओर व्यंग्य कसकर बोला - 'बीरबल! ये हैं तुम्हारे ब्राह्मण! जिन्हें ब्रह्म देवता के रुप में जाना जाता है। ये तो भिखारी है'। बीरबल ने उस समय तो कुछ नहीं कहा। लेकिन जब अकबर महल में चला गया तो बीरबल वापिस आये और ब्राह्मण से पूछा कि वह भिक्षाटन क्यों करता है' ? ब्राह्मण ने कहा