अग्निजा - 3

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प्रकरण-3 यशोदा के कुछ पल्ले नहीं पड़ रहा था। वह पहली बार मां बनी थी और साथ-साथ विधवा भी हो गई थी। सुख और दुःख दोनों ही एकसाथ उसके हिस्से में आए थे। इस हादसे से वह निढाल हो गई थी। उसकी भूख-प्यास खत्म हो गई थी। सास की चुभने वाली नजरों का सामना करना उसके बस की बात नहीं थी। झमकू के हिसाब से यमराज या फिर वह ट्रकवाला गुनाहगार नहीं थी। उसका मानना था कि यह नवजात कुलक्षिणी ही जनार्दन की मौत का कारण थी। इन दोनों मां-बेटी ने उसे खा लिया। अब, सास-बहू के बीच जो कुछ