"श्री क्षय पारो" -आनन्द विश्वास सोसायटी के ग्राउन्ड में कबीर और उसके साथी क्रिकेट खेल रहे थे। कबीर बैटिंग कर रहा था, अधिक ज़ोर से शॉट लगने के कारण बॉल कम्पाउड वॉल के बाहर चली गई। बॉल को लेने के लिये कबीर और उसके साथी जब सोसायटी के बाहर पहुँचे तो कबीर ने देखा कि उस बॉल को तो झोंपड़-पट्टी में रहने वाला आठ एक साल का एक बच्चा अपनी छोटी बहन को दिखाकर कह रहा था कि पारो देख कितनी सुन्दर गेंद? मुझे पड़ी मिली है और गेंद को देख कर तो उसकी आँखों में एकदम चमक सी आ