घुटन - भाग १९

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जीतने के बाद तिलक फूलों के हार से लदा हुआ ओपन जीप में बैठा कॉलेज के छात्र-छात्राओं के बड़े समूह के साथ हवेली के सामने से गुजर रहा था। हवेली के सामने आते ही उनका कारवाँ रुक गया। वीर प्रताप आज अपनी बालकनी में नहीं रुक्मणी के साथ अपनी हवेली के गेट पर खड़े दिखाई दिए। उनके हाथों में गुलाब के फूलों से महकता हुआ एक बड़ा ही खूबसूरत हार था। यूँ तो वीर प्रताप पहले यह हार वरुण को ही पहनाना चाहते थे लेकिन तिलक की सच्चाई जानने के बाद अब वो हार वह अपने ख़ुद के बेटे के