विविधा - 28

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28-भारत के हस्त-शिल्प   प्राचीन काल से ही भारत वर्प में जन समुदाय, अपने मनोरंजन, आजीविका तथा लोक हित हेतु विभिन्न प्रकार की लोक कलाओं तथा हस्त-शिल्पों को अपने में समाये हुए है। एकता की डोर में बंधी ये कलाएं तथा हस्त-शिल्प हमारे जन-जीवन में बहुत गहरे तक बैठी हुई हैं, और समय के अदुपयोग तथा रोजगार का एक महत्वपूर्ण माध्यम बनी हुइ्र है। ये हमारी ांज्ञकृति, परम्परा, जन जीवन की एक महत्वपूर्ण इकाई के रुप में जीवित है। कभी कदा आधुनिक वैज्ञानिक तथा औद्योगिक उन्नति के कारण ऐसा लग सकता है कि हस्त-शिल्प समाप्त हो रहे हैं, मगर शीघ्र ही