विविधा - 24

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24-नटराज के लिए पूरा संसार नाट्यशाला है !  हमारी संस्कृति में मोक्ष जीवन का परम लक्ष्य माना गया है। मोक्ष के लिए शिवरात्रि का ही व्रत पुराण में वर्णित है। वास्तव में यह व्रत देवाधिदेव महादेव की महान् शक्ति का प्रतीक माना गया है। शिव के विभिन्न स्वरुप देश में हैं। शत रुद्र संहिता में शिव की अप्टमूर्तियों के निम्न नाम दिए गए हैं। शर्व, भव, भीम, पशुपति, ईशन, महादेव व रूद्र भगवान शिव को अर्धनारीश्वर तथा भैरव माना गया है। इसी संहिता में शिव के अन्य कतिपय प्रमुख अवतारों का भी वर्णन है। जो इस प्रकार हैं-श्रभ अवतार, गृहपति