विविधा - 10

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10- शब्द-शिल्पी यशवन्त कोठारी   साधारण तीर की अपेक्षा जहरबुझा तीर अधिक प्रहारक होता है, क्योंकि वह दुहरी मार करता है। इसी प्रकार साहित्य में भी दुहरी मार करने वाली एक ही विधा है और वह है व्यंग्य। यही कारण है कि व्यंग्य विधा में लेखक हेतु दो विशिश्टताएं अनिवार्य हैं। इनमें से एक है विसंगतियों का स्पश्टीकरण और दूसरी है टेढ़ा प्रहार करने की क्षमता। यदि किसी रचना में इन दोनों मेंसे एक का भी अभाव है तो वह व्यंग्य विधा में नहीं रखी जा सकती है। यदि विसंगतियां युगीन सत्य को ईमानदारी के साथ प्रकट करे तो टेढ़ा प्रकार