7-यहां नाटक संस्कार से जुड़ा हुआ नहीं है हमीदुल्ला भारतीय नाट्य आन्दोलन में सृजन व मंचन पक्ष से जुड़ा एक प्रयोगधर्मी नाम है- हमीदुल्ला, जो प्रदेश के बाहर भी जाना पहचाना है। ‘दरिन्दे’, ‘उलझी आकृतिया’, ‘ख्याल भारमली’, ‘उत्तर उर्वशी’ तथा ‘एक और युद्ध’ उनकी प्रकाशित नाट्य कृतियां है। इसके अलावा आकाशवाणी के विभिन्न केन्द्रों से उनके लगभग सौ नाटक अब तक प्रसारित हो चुके हैं, अनेक अखिल भारतीय नाट्य प्रतियोगिताओं में उनके नाटक प्रशंसित, पुरस्कृत हुए हैं। अभी हाल ही में उन्हें पुरस्कृत कर सम्मानित भी किया गया है। आजकल नया क्या लिख रहे हैं ? ‘हरिओम