एक था ठुनठुनिया - 16

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16 खजाना बोल पड़ा एक बार की बात, ठुनठुनिया रात में गहरी नींद सो रहा था। तभी माँ की आवाज आई, “ठुनठुनिया, ओ ठुनठुनिया! लगता है, अपनी छत पर चोर आ गए हैं।” सुनते ही ठुनठुनिया चौंका। झट उसकी नींद खुल गई। उसने ध्यान से छत से आ रही आवाजों को सुना। उसे अब कोई संदेह न रहा कि छत पर चोर ही हैं। घर में और तो कुछ सामान न था। हाँ, पर माँ के बरसों पुराने सोने के गहने तो थे। चोर उन्हीं को चुराने आए थे। अब क्या किया जाए? ठुनठुनिया ने झट अपना दिमाग लगाया तो