आख़िर वह बिना बताये क्यों चले गए

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सुबह-सुबह दरवाज़े पर दस्तक हुई तब मिसेस कपूर ने दरवाज़ा खोला। गंदे मैले कपड़े पहने हुई एक स्त्री जिसके चेहरे से वह काफ़ी शालीन दिखाई पड़ रही थी, उसके साथ ही एक छोटी-सी नन्हीं गुड़िया उसकी गोद में थी, मालूम होता था मानो 1 या 2 दिन की ही बच्ची है। कांपती आवाज़ में उसने कहा "नमस्ते मैडम!" उसे जवाब देते हुए ही मिसेस कपूर ने पूछा, "कौन हो तुम और मुझसे क्या चाहती हो? कुछ पैसे चाहिए हैं क्या? मैं तुम्हें देती हूँ लेकिन जवान हो, शरीर से भी स्वस्थ लगती हो, फिर क्यों कहीं काम नहीं कर लेतीं;