कहानी प्यार कि - 5

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अनिरूद्घ ओब्रॉय संजना से मिलने के बाद सीधा अपनी ओब्रॉय फार्मा कंपनी के लिए निकल गया। ओब्रॉय फार्मा कंपनी दिल्ली कि जानीमानी कंपनी में से एक थी। अनिरूद्घ ओब्रॉय के इंडिया आने से पहले इस कंपनी को अनिरूद्ध के अंकल अखिल मल्होत्रा संभालते थे.. जो अनिरूद्ध के पिता के दोस्त थे। अनिरूद्घ के इंडिया आने के बाद उसने इस कंपनी कि शाखा को और भी बड़े शहरों तक पहुंचाया था। आज वो इंडिया कि टॉप फार्मा इंडस्ट्री में से एक थी। अनिरूद्घ जैसे ही अपनी आफिस में पहुंचा.. तो शर्माजी दौड़ते हुए उसके पास आए.. " सर... आपको इतनी देर