कहानी प्यार कि - 4

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अगले दिन संजना सुबह सुबह मंदिर दर्शन करने के लिए निकल गई थी। मंदिर में उसने पूजा कि और प्रसाद चडा कर बाहर आई। वो सीढ़ियों से नीचे जा ही रही थी कि उसका पैर फिसला और वो गिरने ही वाली थी कि किसीने आकर उसे पकड़ लिया। संजना ने डर से अपनी आंखें मींच ली थी। उस लड़के ने संजना की कमर से उसको पकड़ा हुआ था। " संजना जी अब एसे ही पूरे दिन मेरी बाहों मे रहने का इरादा है क्या.. ? " उस लड़के ने कहा। ये सुनते ही संजना एकदम से खड़ी हुई और उस