नीम का बलिदान अमित कुमार दवे, खड़गदाएक समय की बात है । मोहन नाम का लड़का था, वह अत्यंत विनम्र ,सरल, मेधावी एवं अपने कार्य में लगनशील था। वह अपने दोस्तों के साथ हर आयोजन में सम्मिलित होता । खेल खेल एवं चहलकदमी में वह धीरे धीरे बडा हो रहा था।अपने गाँव के ही किसी बडे आयोजन के लिए अपनी मित्र मण्डली के साथ सामग्री जुटाने में लगा। सभी साथियों ने मिलकर बहुत कुछ कार्य संपन्न कर दिया। अब क्या होता है...? कुछ मित्र तेज धारदार कुल्हाड़ी ले कर लकडियों की व्यवस्था हेतु निकल पड़े। इसमें मोहन भी सक्रिय रूप