जिंदगी पंछियों का कारवां

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एक दादा दादी ही होते है जो दुनिया भर का लाड अपने पोते पोतियों पर उड़ेल देते है। उन पर जान छिडकते है। ये रिश्ता ऋतुजा और उसके दादा दादी के बीच का। जहां मां बाप के प्यार से दूर ऋतुजा अपने दादा दादी के साथ जिंदगी के हर पल को खुद में कैद कर लेना चाहती थी। चाहती थी कि कभी उन से दूर ना हो।।वहीं उसके दादा इस सच से परहेज़ नहीं कर रहे थे कि एक दिन उनकी प्यारी ऋतु चली जाएगी उनसे दूर। जैसे एक ऋतु हमेशा नहीं रहती है। जहां वसंत आता है तो वहीं