"सभी लड़कियां एक जैसी नहीं होती हैं। कब तक तू अकेला मम्मी पापा की देखभाल करेगा! तुझे जरूरत हो ना हो लेकिन उन्हें एक बहू की जरूरत है। तू तो सुबह नौकरी पर निकलता है और रात को ही घर में घुसता है । पता है ना दोनों कितना बीमार रहते हैं। तेरे आफिस जाने के बाद भी तो कोई संभालने वाला होना चाहिए और सबसे बड़ी बात, बहू के आने से घर में रौनक और चहल-पहल हो जाएगी। मां पिताजी का मन लगा रहेगा। और मेरे भाई, तेरा भी! हां कर दे। एक बार शादी का लड्डू चख कर