कहानी प्यार कि - 3

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शाम के करीब सात बजे थे। मोहित तैयार होकर कहीं जा रहा था। राजेशजी ने जैसे ही उसे बाहर जाते देखा तो रोक लिया।" अरे मोहित कहा जा रहे हो..? " " पापा मे कुछ काम से जा रहा हूं .. मुझे आते आते देर हो जाएगी.. मम्मा से कह देना खाने पर मेरा वेइट ना करे।" वो बोला और राजेश जी का जवाब सुने बिना ही वहा से चला गया। इधर त्रिपाठी निवास में जगदीशचंद्र किसी से फोन पर बातें कर रहे थे।" देखो कल कोई ग़लती नही होनी चाहिए। कल हमारी बहुत ही बड़ी डिल होने वाली है।