मैं भारतीयों को जानता हूं, वे मेरे मरने पर आंसू नहीं बहाएंगे

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वह अपने अंतिम दिनों में कहा करते थे, 'हिंदुस्तान की हॉकी ख़त्म हो गई है। ख़िलाड़ियों में डिवोशन (लगन) नहीं है। जीतने का जज़्बा ख़त्म हो गया है।' अपनी मौत से दो महीने पहले उन्होंने कहा, 'जब मैं मरूंगा तो दुनिया रोएगी, लेकिन भारत के लोग मेरे लिए आंसू नहीं बहाएंगे। मैं उन्हें जानता हूं।' उनके डॉक्टर ने एक बार पूछा, 'भारतीय हॉकी का भविष्य क्या है?' जवाब था, 'भारत में हॉकी ख़त्म हो चुकी ह।' डॉक्टर का अगला सवाल, 'ऐसा क्यों?' जवाब था, 'हमारे लड़के सिर्फ़ खाना चाहते हैं. वे काम नहीं करना चाहते।’ उनकी मौत के बाद उनके