अनुभूति- रीटा सक्सेना

  • 3.3k
  • 1.2k

जीवन की आपाधापी से दूर जब भी कभी फुरसत के चंद लम्हों..क्षणों से हम रूबरू होते हैं तो अक्सर उन पुरानी मीठी यादों में खो जाते हैं जिनका कभी ना कभी..किसी ना किसी बहाने से हमारे जीवन से गहरा नाता रहा है। साथ ही कई बार ऐसा भी मन करता है कि हम उन अनुभवों..उन मीठी यादों से औरों को भी रूबरू करवाएँ। तो ऐसे में ज़्यादा से ज़्यादा लोगों तक अपनी बातें..अपने विचार पहुँचाने के मकसद से ये लाज़मी हो जाता है कि हम इसके लिए किसी ऐसे सटीक माध्यम का चुनाव करें जो अन्य दृश्य/श्रव्य माध्यमों के मुक़ाबले