सुप्रिया कुछ समझ नहीं पाती हैं कि अखिर हो क्या रहा हैं। वो उन लोगों को देख बहुत घबरा जाती हैं, और घबरा कर बोलती है। सुप्रिया. मैं,. मैं. लाची नहीं हूँ.. मैं सुप्रिया हूँ.. मुझे नहीं पता मैं यहाँ कैसे आई हूँ.... मैं एक किताब पढ़ रही थी... जैसे ही मैंने पढ़ाना चालू किया.... मैं यहां पहुंच गई... और फिर आप लोगों को देखा... आप सब का पीछा करते करते यहाँ पहुँच... फिर आप सब की बाते भी सुनी.. तभी दूसरा आदमी बोला... ओ.. अच्छा तभी मुझे लग रहा था कि कोई हमारा पीछा कर रहा है... मैंने इन