अधूरा पहला प्यार (छठी किश्त)

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"मैं उससे मिलने कहाँ जाती हूं।अगर कभी सामने पड़ जाता है तो बात कर लेती हूं"मीरा ने झूठ बोला था।"अब मत मिलना।अगर अब मिली तो सही नही होगा,"मीरा के पिता बोले,"अब मैं जा रहा हूं""अभी।रात मैं क्यो?सुबह चले जाना।""नही।मुझे अभी जाना होगा।"मीरा के पिता चले गए।दरवाजा बंद करने के बाद काफी देर तक नीचे बैठी रही।फिर वह ऊपर छत्त पर आयी थी।मीरा के आने पर वह उसके पास पहुंच कर बोला था,"क्या कह रहे थे,तेरे पापा?तूने कही मेरा नाम तो नही बता दिया?""तुम्हे अपने प्यार पर विश्वास नही है?""मेरी जान तुम पर पूरा विश्वास है।""लेकिन मुझे लगता है कुछ तो