सोना *******************'बीच में बड़ा बंगला बनेगा और चारों तक ख़ूबसूरत लाॅन होगा' ।'हाँ गगन, लेकिन लाॅन में बच्चों के लिए झूलों की भी व्यवस्था होनी चाहिए' ।'आरती ! यह भी सोचा है मैंने ' गगन ने मुस्कुराते हुए कहा थोड़ी दूरी पर खड़े राधेश्याम ने बेटे-बहू को नये घर की बात करते सुना तो नजदीक आकर कहा-- 'क्या बातें हो रही हैं भई' ?आरती ने अपनी कुर्सी राधेश्याम जी को देते हुए कहा-- 'पिता जी ! गगन यह घर तुड़वाकर हम सबके लिए नया बंगला बनवाना चाहते है ।'गगन---'हाँ पिता जी, आप तो जानते ही है कि हम कैसे-कैसे दिन