अतीत के पन्ने - भाग 14

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फिर दोनों बस स्टॉप पर उतर गए और आलेख को पिया ने कहा शाम को हवेली आती हूं।आलेख ने कहा हां ठीक है पिया।कुछ देर बाद ही पिया की गाड़ी भी आ गई। पिया गाड़ी में बैठते हुए बोली आलेख अब घर जाओ।आलेख ने हाथ हिलाते हुए कहा हां ठीक है।दोनों अपने अपने रास्ते चले गए।आलेख हवेली पहुंच कर ही चिल्लाने लगा छोटी मां ओ छोटी मां देखो आज तुम्हारा सपना पूरा हुआ है।छाया ने कहा अरे बाबू को क्या हुआ।आलेख बेटा मैं शर्बत लाती हूं।आलेख एक दम से चौंक गए और फिर बोला ओह छोटी मां आप तो नहीं