मूलपूंजी - भाग तीन

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...सारी बातें सुन टीटीई लक्ष्मण ने अपने साथ खड़े जवानों को पूरे डिब्बे की छानबीन करने का आदेश दिया। सीट पर बैठे प्रकाश लाल के आँसू थे कि थमने का नाम ही नहीं ले रहे थे। उस बारह वर्षीय बच्चे रौशन को भी जैसे काठ मार गया था और उसकी सुर्ख आँखें उसके मन की हालत चीख-चीखकर बयां कर रही थी। सारे जवान तुरंत पूरे डिब्बे में फैल गए और हरेक यात्रियों के सामानों की तलाशी लेने लगे। खुद टीटीई लक्ष्मण भी प्रकाश लाल की कथित मूलपूंजी की सघन खोजबीन में जुटा था। आँसू बहाते प्रकाश लाल को उसके पड़ोसी