जैसी करनी वैसी भरनी---- कहानी भोलाराम, बंसत कुमार और घनश्याम दास तीनो ही दिल्ली के सदर बाजार में एक ही लाइन में अपनी अपनी दुकान संभाल रहे थे। तीनो पड़ोसी होने के नाते एक दूसरे की इज्जत किया करते थे। भोला राम और बसंत कुमार अच्छे परिवारों से थे तो वहीं घनश्याम दास की गिनती भी खाते पीते परिवार में ही होती थी। दिन में चाय पानी साथ साथ कई बार कर ही लेते थे। धीरे धीरे वो अच्छे दोस्त बनते जा रहे थे। घनश्याम दास दिमाग का भी धनी था। एक दिन उसने अपने दोनो दोस्तों को एक साथ