कुशाग्र

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कुशाग्र चित्रा और मनोहर का प्रेम विवाह हुआ था। चित्रा सुन्दर नयन नक्श वाली एक साँवली युवती थी वहीँ मनोहर गौर वर्ण का छरहरा युवक था। दोनों की पहली मुलाक़ात उनके स्नातक के प्रथम वर्ष की परीक्षा के प्रथम दिन हुई थी। मनोहर चित्रा के मनोहरणीय रूप पर मोहित हो गया था। मृगनयनी चित्रा के वो घुँघराले बाल, सुर्ख गुलाबी अधर और उस पर मन्द मुस्कान मनोहर के ध्यान को रह रह कर उसकी ओर आकृष्ट कर रहा था। वहीँ दूसरी ओर चित्रा को मनोहर की इन सब गतिविधियों का संज्ञान था। वह समझ रही थी कि वह युवक उसकी