बाल कथाएं - 3 - जितना है उसमें संतुष्ट रहो।

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एक समय की बात है। लखनऊ शहर में एक बहोत ही अमीरआदमी अमित मिश्रा रहता था। वो बहोत अमीर था। उसका लाखो करोड़ो रूपये का कारोबार था। उसके पास नोकर चाकर, गाड़ी, बंगला घर बार बीवी बच्चे सब थे। एक माँ भी थी जो उसे हमेशा खुश रहने के लिए कहते थे। क्योंकि उनके पास जो कुछ था वह उसमे हमेशा संतुष्ठ रहते थे पर अमित हमेशा ज्यादा से ज्यादा धन संपत्ति कमाने की होड़ में लगा रहता था। अपने से अमीर आदमी को देखकर उसे हमेशा घृणा ही हुआ करती थी वो भारत का सबसे अमीर आदमी बन ना