मन की सुंदरताएक बार की बात है एक पेड़ पर दो पंछी रहते थे। कोयल "कोकिला" और सफेद कबूतर "गौरे" कोकिला बहोत परोपकारी और दयालु पक्षी थी वह बहोत सुरीला गाती थी और सबकी मदद करने को तैयार रहती थी। खास कर गौरे की पर वह सफेद कबूतर अपनी खूबसूरती पर बहोत घमंड करता था। वहकभी भी कोकिला को भाव नही देता था वह हमेशा कोकिला से दूर रहता था। उसको नीचा दिखाता था। उसको लगता था कि सफेद रंग के पक्षी ही सर्वश्रेष्ठ होते है उसकी खूबसूरत लाल आंखे और सफेद रंग सबको आकर्षित जो करती थी। अपनी सुंदरता