वायरस मारेगा- अंकित वर्मा

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किसी ने भी नहीं सोचा था कोरोना महामारी के कहर से भयभीत हो..हम सब इसके मकड़जाल में इस कदर घिर जाएँगे कि हमें आपस में ही एक दूसरे से हमेशा इस बात का डर सताता रहेगा कि कहीं इसकी या उसकी वजह से हम भी वायरस के लपेटे में ना आ जाएँ। उस वक्त कमोबेश दूसरे की भी हालत हमारे जैसी ही हो रही होती है कि कहीं हमारी वजह से वह खुद इस कमबख्त कोरोना की चपेट में ना आ जाए। दरअसल यही डर बने बनाए काम बिगाड़ भी सकता है और यही डर, बिगड़े हुए काम बना भी