अंतिम सफर - 8

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भाग -8 मैं इस वक्त पहाड़ों की तरफ चढ़ रहा हूं, और तभी मुझे एहसास हुआ था, कोई हवा का झोंका मुझे पहाड़ से नीचे गहरी खाई में धकेलने का प्रयास कर रहा है ,और मैं नीचे बैठ गया , फिर अगले ही क्षण एक गहरे डर ने मेरे दिमाग को अपने कब्जे में ले लिया था, जिसके कारण मेरी आंखें बंद हो गई थी, पर अगले कुछ ही सेकंड में मैंने आंखों को खोल दिया था और सब कुछ मेरे आगे- पीछे समान नहीं नजर आ रहा था,, "यह हो क्या रहा हैं, मुझे जो एहसास हुए हैं वह