यह मर्मस्पर्शी संस्मरणात्मक कहानी मेरी मां श्रीमती सुमन चतुर्वेदी द्वारा एक सत्य घटना पर लिखी गई थी। तब यह कहानी दैनिक समाचार पत्र में प्रकाशित हुई थी। शासकीय हाईस्कूल में हिंदी की अध्यापिका के रूप में पदस्थ मेरी मां की एक आकस्मिक दुर्घटना में 4 जून 2001 को मृत्यु हो गई थी। अभी एक दिन किताबों की अल्मारी में यह कहानी मेरे हाथ लग गई। मैंने इसे पढ़ा और तय किया कि इसे वेब पर मातृभारती वेबसाइट पर दोबारा प्रकाशित करना चाहिए। सादर समर्पित एक मां के द्वारा लिखी गई एक मां की कहानी। बचपन से ही घर के सामने