83 फिल्म समीक्षा

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83 , भारत का क्रिकेट वर्ल्ड कप में विजयी होकर लौटना, आने वाली पीढ़ियों को क्रिकेट के प्रति केवल आकर्षित ही नहीं पर दशकों तक गर्वित कर गया था। कपिल देव इस इतिहास के हीरो बने और साथी क्रिकेटर बने उस गर्व दिलाने वाली घड़ियों के योद्धा।जब किसीने भारतीय क्रिकेट टीम से एक जीत की उम्मीद भी नहीं रखी थी तब एक विश्वकप जीतने का काम किसी नामुमकिन घटना जैसा ही था। जैसे सहारा के रेगिस्तान में किसीने पानी ढूंढ लिया हो या फिर बिना ऑक्सिजन के किसीने जीना सीख लिया हो। 83 फिल्म के तकनीकी हिस्सो को मैं यहां