अंतिम सफर - 7

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भाग -7 इस वक्त मैं बेहद डर चुका था ,सूखे पत्ते मेरे बदन में चढ़ते जा रहे थे ,मैं उन्हें अपने शरीर से हटाने की कोशिश में, अपने शरीर को हिलाने लगा था, पर इसका कोई फायदा मुझे नहीं मिल रहा था,,,, ऊपर पेड़ पर काली आकृति जिसका कोई अस्तित्व नहीं था ,,वह कभी गोलाकार बन रही थी तो कभी आयताकार रूप ले रही थी,,,, और फिर एकदम से वह मेरी तरफ बड़ी थी, मैंने डर के मारे अपनी आंखें बंद कर ली थी, मेरा चेहरा एकदम से पसीने से भर उठा था, ऐसा लग रहा था जैसे गरम भट्टी