पिछले दिनों व्हाट्सएप के एक साहित्यिक ग्रुप पर कहानीकार के बिना नाम के पोस्ट की गई कहानी "काली लड़की" पढ़कर मुझ जैसे पढ़ाकू को अहसास हुआ कि इस कहानी में किसी परिपक्व सांवली लड़की ने अपनी व्यथा लिखी है । जिसमें कि उसको सांवले रंग के कारण ,कभी मां की गोद ली हुई लड़की तो कभी बीमार लड़की होने के ताने सुनने पड़े । इस कहानी का अंत बड़ी समझदारी व सकारात्मकता के साथ किया गया है । बाद में पता लगा कि यह कहानी अबोध सी दिखती काव्या कटारे ने लिखी है, जो महज 13 साल की है। तो