अफसर बेटा....।

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"बेटा कुलदीप, कहाँ हो तुम?अरे,कोचिंग नहीं जाना है क्या!कुुुलदीप के पिता उसेे बुलाते हुुुए बरामदे में प्रवेश कर गए।मगर, कुुुलदिप वहाँ नहीं था।यह देखकर उसके पिता वही खड़े होकर सोचने लगे।तभी कुलदीप आता दिखाई दिया।उसे देखकर उसके पिता बोले"बेटा, तुम कहाँ चले गए थे?मैं तुमको कहाँ-कहाँ नहीं ढूंढा हूँ।खैर,चलो अब कोचिंग जाओ,तुम्हें पहले ही बहुत ज्यादा देर हो गई है।"यह सुनकर कुलदीप बड़े ही उदास होकर बोला"नहीं पिताजी,मुझे कोचिंग नहीं जाना है।मैं खेती करके ही अपनी आजीविका चला लूँगा।"इतना कहकर वह बरामदे में रखी गई कुर्सी पर बैठ गया।उसके पिता बड़े ही हैरान हुए।"लेकिन, क्यो कुलदीप आखिर तुम्हें क्या दिक्कत