आजकल रश्मि कुछ उदास,कुछ उखड़ी सी,कुछ व्यथित रहने लगी है,वैसे देखा जाय तो कोई विशेष समस्या भी नहीं है,बल्कि सब कुछ पहले से काफ़ी बेहतर हो गया है।गृहस्थ जीवन का संघर्ष भी लगभग नगण्य हो गया है।अब जिंदगी में थोड़ा उतार-चढ़ाव तो चलता रहता है जो इतना मुश्किल भी नहीं है जिसे वह अपने पति के सहयोग से सम्हाल न सके।लेकिन मन बड़ा अजीबोगरीब शै है,कब विचलित होकर बेबात ही नैनों से नीर बहाने को बाध्य कर दे,ज्ञात ही नहीं होता। कभी-कभी महसूस होता है कि वह अवसादग्रस्त हो रही है।पति से अपनी मनःस्थिति का ज़िक्र करना नहीं चाहती,ऐसा नहीं