सपनो का धर्म ग्रंथो मे वर्णन- सपने कौन नही देखता सपने सभी को कभी न कभी आते ही है आदि काल से सपने देखे जाते रहे है । कैकेयी ने मंथरा से सपने की बात कही कि आज कल मुझे बड़े अशुभ सपने आ रहे है। तारा ने बालि को सपने का हवाला देकर रोका । मंदोदरी ने सपने का हवाला देकर श्रीराम से संधि करने को कहा । त्रिजटा ने सपने का जिक्र कर राक्षसियों को सीता माता को यातना देने से रोका । द्रोपदी ने अपने पुत्रो के लिए अशुभ सपना देखा और अधीर हो गयी । गांधारी